पटवारी मुकेश तिवारी,
भ्रष्टाचार के मामलें में सिद्ध दोष करार
माननीय न्यायालय अक्षय कुमार द्विवेदी विशेष
न्यायाधीश लोकायुक्त जबलपुर द्वारा आज दिनांक 9/5/18 को प्रकरण क्र 4/16 में आरोपी मुकेश
तिवारी तत्कालीन पटवारी पनागर को धारा 7, 13(1)(D)13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषी करार
दिया गया ।
प्रकरण में दिनांक 9/9/14 को आवेदक जहूर
अहमद ने लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में शिकायत किया कि उसके भाई शमशाद खान ने
ग्राम अमखेरा में जमीन खरीदी थी जिसकी नामांतरण की कार्यवाही के लिए आरोपी 25 हजार रुपये की मांग कर रहा था इस कार्य के
लिए आरोपी ने 10
हजार आवेदक से
ले लिए थे 15
हजार के लिए
दबाव बना रहा था ।आवेदक आरोपी को रिश्वत नही देना चाहता था आवेदक ने आरोपी द्वारा
रिश्वत मांगे जाने की बात अपने भाई शमशाद को बताई शमशाद ने आवेदक से आरोपी की
लोकायुक्त में शिकायत करने को कहा एवं इस हेतु लिखित में अपनी सहमति दी । । पुलिस
अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देश पर गठित लोकायुक्त दल ने कार्यवाही करते हुए आरोपी
को 10हजार की रिश्वत
लेते उसके निवास स्थान आनंद नगर में दिनांक 10/9/14 को रंगे हाथों पकड़ा गया । आरोपी रिश्वती राशि
प्रार्थी से लेकर अपने हाथ मे रखे था जो आरोपी के हाथ से बरामद की गई ।
मामले में साक्ष्य के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष
द्रोही हो गया था।( शिकायत करने
वाला मुकर गया) अभियोजन साक्ष्य
से अभियोजन ने अपना मामला सिद्ध किया अभियोजन की और से पैरवी प्रशांत शुक्ला विशेष
लोक अभियोजक द्वारा की गई प्रकरण में
महत्वपूर्ण तथ्य यह भी रहा कि प्रकरण आज निर्णय हेतु नियत था परंतु बार बार आरोपी
की पुकार लगाए जाने पर भी आरोपी न्यायालय में शाम 5 बजे तक उपस्थित नहीं हुआ जिस कारण आरोपी की
अनुपस्थिति में न्यायालय द्वारा अपना निर्णय सुनाया जाकर आरोपी को सिद्ध दोष किया
गया आरोपी के अनुपस्थित रहने के कारण दण्ड के प्रश्न पर आरोपी को सुने जाने के लिए
निर्णय स्थगित रखा गया । आरोपी को उपस्थिति के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया
अब पुलिस पर जिम्मेदारी है उसे गिरफ्तार करने और न्यायालय में सजा के एलान के समय पेश करने की, जिसमे लगभग 4 वर्ष की सजा सुनायी जाने की समभावना है, फ़िलहाल ऐसे कई और मामले न्यायालय में चल रहे है जो भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामलो से जुड़े है जिनमे कई पटवारी और नायब तह्सीलदार सजा का उपभोग करेंगे,