जवानी में फिसल गया "मौसा" बाकी जवानी जेल में
15
साल की बालिका
स्कूल गई थी,
शाम
को घर नहीं
लौटी तो उसकी
मां ने स्कूल
जाकर के अध्यापिका
से उसके बारे
में पूछताछ की
और अध्यापकों के
द्वारा कहां गया
कि बालिका तो
दोपहर में जल्दी
घर चली गई
यह कहते हुए
कि उसकी तबीयत
ठीक नहीं है
परिवार से खुन्नस
रखने वाला मौसा -
अशोक पुत्र गुरु वाल्मीक बालिका को बहला
फुसलाकर अपने साथ
ले गया और
जब बालिका ने
जाने से मना
किया तो उसने
चाकू अड़ा दिया और जबरदस्ती
अपने साथ ग्राम
नोहटा दमोह ले
गया
ग्राम नोहटा दमोह
में उसने अपनी
एक भाभी के
घर पर 9 दिन
तक बालिका को
बंधक बनाकर रखा
और उसके साथ
बलपूर्वक उसकी इच्छा
के विरुद्ध दैहिक शोषण
किया
बमुश्किल विवेचना अधिकारी
द्वारा लड़की की खोजबीन हेतु
प्राप्त शिकायत में
अनुसंधान किया जा
कर उसे अपने माँ बाप से
मिलवाया और प्रकरण
दर्ज किया गया, पूरे घटनाक्रम
पर बिंदुवार विवेचना
की जा कर
न्यायालय में अभियोग
पत्र प्रस्तुत किया
गया, बालिका
का मेडिकल परीक्षण
कराया गया और
मेडिकल परीक्षण से
संबंधित सभी दस्तावेज
अभियोग पत्र में
संलग्न किए गए, बिंदुवार
सभी साक्षी और
गवाहों का परीक्षण कर जबलपुर के
विशेष पासको न्यायाधीश श्री पदम् चंद्र गुप्ता के द्वारा
जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती स्मृति लता वरकडे
के सभी तर्कों
से संतुष्ट होकर
आरोपी अशोक पुत्र गुरु वाल्मीक जिसकी उम्र मात्र
25 वर्ष है निवासी
साईं विहार कॉलोनी
सुहागी अधारताल जबलपुर
को 10 साल तक
जेल में रहने
की सजा सुनाई
और ₹5000 जुर्माने से
दंडित किया,
डॉ. सिराज़ खान की रिपोर्ट
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