दिल्ली.
मोदी सरकार ने खुफिया विभाग में व्यापक स्तर पर तबादला किया है. इसे खुफिया विभाग
के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल माना जा रहा है. कर्नाटक में विधानसभा
चुनाव होने वाले हैं, जिसके ठीक पहले यह तबादला
सामने आया है. ऐसे में यह फेरबदल राजनीतिक विवाद पैदा कर सकता है.
हालांकि अभी तक
विपक्ष की ओर से इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. कई खुफिया अधिकारियों को
चेन्नई से बंगलुरु और कई को बंगलुरु से चेन्नई भेजा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक यह
ट्रांसफर किसी एक राज्य या शहर में नहीं किया गया है, बल्कि
देश के कई हिस्सों में किया गया है, जिनमें अहमदाबाद,
बंगलुरु, भुवनेश्वर, भोपाल,
चंडीगढ़, दिल्ली, गुवाहाटी
और चेन्नई शामिल हैं. बंगलुरु यूनिट के सभी अधिकारियों का तमिलनाडु ट्रांसफर किया
गया है. माना जा रहा है कि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके पहले इतनी संख्या में खुफिया अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है.
कई खुफिया अधिकारियों का चेन्नई ट्रांसफर किया गया है, जो
उनके लिए अंजान जगह है. सूत्रों के मुताबिक वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों का मानना है
कि इतने व्यापक स्तर पर विभाग के अधिकारियों के ट्रांसफर से खुफिया विभाग की कार्य
प्रणाली प्रभावित हो सकती है. खुफिया अधिकारियों को भी इस बात की उम्मीद नहीं थी
कि सरकार इतने व्यापक स्तर पर खुफिया अधिकारियों का ट्रांसफर करेगी. सूत्रों के
मुताबित तीन स्तर के खुफिया अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है.
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