जकरबर्ग
ने आगे कहा कि एक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता द्वारा क्विज तैयार किया था, जिसने 2014 में लाखों लोगों का फेसबुक डेटा लीक
किया। उन्होंने आगे कहा, 'विश्वासघात हुआ है और मैं माफी
मांगता हूं कि हमने ज्यादा कुछ नहीं किया। आगे ऐसा कुछ न हो, इसके लिए हम अब कदम उठा रहे हैं।'
इस
माफीनामे में पिछले सप्ताह के उनके बयान की झलक दिखी। डेटा लीक की खबर आने के बाद
यूरोप और अमेरिका में जांच शुरू कर दी गई थी, जिससे फेसबुक के
शेयरों में गिरावट देखी गई।
जकरबर्ग
ने फिर दोहराया कि फेसबुक ने अपने नियमों को बदल दिया है ताकि दोबारा डेटा चोरी न
हो पाए। उन्होंने लिखा, 'हम हर ऐप की जांच कर रहे हैं
क्योंकि इनके पास बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुंच है। जब हमें पता लग जाएगा,
हम उन्हें बैन करेंगे और हर प्रभावित व्यक्ति को बताएंगे।'
हालांकि, माफीनामा में डेटा लीक करने वाली ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज ऐनालिटिका का
जिक्र नहीं है जिसने 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड
ट्रंप के कैम्पेन में मदद की थी। फेसबुक ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता
अलेक्जेंडर कोगन को डेटा लीक के लिए दोषी ठहराया है। कोगन ने फेसबुक के लिए
लाइफस्टाइल क्विज ऐप तैयार किया था जिसे 270,000 लोगों ने
डाउनलोड किया था, लेकिन इसने करोड़ों लोगों तक इसकी पहुंच
बना दी थी।
फेसबुक
का कहना है कि इसने बिना पूरी जानकारी लिए कैम्ब्रिज ऐनालिटिका को यह सब आगे बढ़ा
दिया। उधर, कोगन का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा
बनाया जा रहा है।
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