नई
दिल्ली। आगामी आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के सहयोगी दल एक के बाद एक झटका देते
जा रहे हैं। टीडीपी के बाद अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया
है। जीजेएम ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए से नाता तोड़ लिया है।
जीजेएम (GJM) ने बीजेपी से नाराजगी के चलते एनडीए से अलग होने का फैसला किया है।
गोरखा
लैंड मुक्ति मोर्चा के मुखिया एलएम लामा ने बीजेपी पर गोरखा लोगों के विश्वास को
धोखा देने का आरोप लगाया है। लामा ने शनिवार को ऐलान करते हुए कहा कि अब उनकी
पार्टी का बीजेपी नीत एनडीए से कोई संबंध नहीं है। GJM पश्चिम बंगाल के
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के हालिया बयान से बेहद खफा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी का GJM के
साथ सिर्फ चुनावी गठबंधन है।
‘बीजेपी के दावों की खुली पोल’
एलएम
लामा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान से उनके दावों
की पोल खुल गई है। जिसमें वो कहते हैं कि GJM हमारी दोस्त है
और NDA का घटक दल है। उन्होंने आगे कहा कि घोष की टिप्पणी से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे की हकीकत भी सामने आ गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गोरखाओं का सपना उनका सपना है।
”गोरखाओं को लेकर बीजेपी गंभीर नहीं”
लामा ने
कहा कि पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष के बयान से यह साफ हो गया है कि गोरखाओं को
लेकर बीजेपी न तो गंभीर है और न ही उनके प्रति सहानुभूति रखती है। उन्होंने कहा कि
यह सभी जानते हैं कि जीजेएम ने 2009 और 2014 में दार्जलिंग लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशियों का स्पोर्ट किया था।
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