तेलुगु
देशम पार्टी (टीडीपी) के बाद अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने भाजपानीत
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ने का ऐलान किया है. द इंडियन
एक्सप्रेस के मुताबिक शनिवार को जीजेएम के सांगठनिक प्रमुख एलएम लामा ने कहा कि
उनकी पार्टी का भाजपानीत एनडीए से अब कोई रिश्ता नहीं है. जीजेएम ने भाजपा पर
गोरखाओं को धोखा देने का भी आरोप लगाया है.
रिपोर्ट
के मुताबिक जीजेएम ने पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान से नाराज
होकर यह कदम उठाया है. एलएम लामा ने कहा, ‘दिलीप घोष के बयान
से भाजपा द्वारा जीजेएम को अपना दोस्त और एनडीए का घटक दल बताने और प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी द्वारा गोरखाओं के सपने को अपना सपना कहने की सच्चाई सामने आ चुकी
है.’ उनके मुताबिक भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा है कि उनकी
पार्टी का जीजेएम के साथ किसी साझे राजनीतिक संकल्प को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ
है, बल्कि महज चुनावी गठजोड़ है. एलएम लामा ने कहा कि उनके
बयान से गोरखाओं की समस्याओं के प्रति भाजपा के गंभीर न होने की बात पता चलती है.
जीजेएम
सांगठनिक प्रमुख एलएम लामा के मुताबिक उनकी पार्टी ने भाजपा को दो बार दार्जिलिंग
की लोकसभा सीट तोहफे में दे चुकी है. यहां से 2009 में भाजपा
उम्मीदवार जशवंत सिंह और 2014 में एसएस अहलूवालिया जीते थे.
उन्होंने आगे कहा, ‘इससे लोगों को अपनी समस्याएं सुलझने की
उम्मीद थी, लेकिन भाजपा ने बार-बार केवल धोखा दिया है. भाजपा
की वजह से ही दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में अविश्वास और राजनीतिक उथल-पुथल का
माहौल है.’ गोरखा समुदाय पश्चिम बंगाल के पहाड़ी हिस्से को
अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग कर रहा है. इसको लेकर जीजेएम बीते साल काफी
लंबा आंदोलन किया था.
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