लखनऊ, 22 मार्चः उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा में आम बजट चर्चा में भाग
लेते हुए एक बड़ा ऐलान किया है। उनके इस कदम को आगामी वर्ष में होने वाले लोकसभा
चुनाव को लेकर देखा जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधान सभा में ऐलान करते
हुए कहा कि उनकी सरकार अति पिछड़े और अति दलितों को आरक्षण दिए जाने को लेकर विचार
कर रही है। जिन कमजोर वर्ग के लोगों को वास्तव में आरक्षण की आवश्यकता थी उन्हें
लंबे समय से उसका लाभ नहीं मिला पाया है।
उन्होंने घोषणा
करते हुए कहा कि अति पिछड़ों तथा अति दलितों को आरक्षण दिया जाएगा। पिछली सरकारों
ने इन्हें आरक्षण देने की कोई पहल नहीं की। इस संबंध में जल्द ही एक उच्चस्तरीय
कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
आपको बता दें कि
इस तरह की घोषणा उत्तर प्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2002 में की थी, जिस पर अदालत ने रोक लगा दी थी।
सीएम योगी ने
विधानसभा में करीब 90
मिनट तक अपना भाषण दिया, जिसमें सरकार की आलोचना करने पर
विपक्षी दलों खासतौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) और विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी
की खिंचाई की।
इससे पहले यूपी
विधानसभा में सपा, बहुजन
समाजवादी पार्टी (बसपा) और कांग्रेस सदस्यों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी
(बीजेपी) पर किसानों से जुड़े मसलों को गम्भीरता से नहीं लेने का आरोप लगाते हुए
सदन से बहिर्गमन किया।
कृषि मंत्री सूर्य
प्रताप शाही ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल का उत्तर देते हुए पूर्ववर्ती सपा
सरकार का जिक्र किया। इस पर सदन में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविन्द चौधरी ने
आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार पर कालाबाजारी करने वालों से साठगांठ का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि ललित मोदी, नीरव
मोदी और ना जाने कितने लोग… आपकी सरकार कालाबाजारियों से
मिली हुई है। सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के प्रति गम्भीर नहीं है।
इस पर संसदीय
कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि चौधरी की टिप्पणियां किसानों के संदर्भ
में नहीं हैं। बाद में सपा सदस्य सरकार पर किसानों की समस्याओं के प्रति गम्भीर
नहीं होने का आरोप लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
इस बीच, कांग्रेस विधानमण्डल दल
के नेता अजय कुमार ‘लल्लू‘ ने कहा कि
मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं
में बढ़ोतरी हुई है। ललितपुर, महोबा और सीतापुर जिलों में ऐसे
मामले सामने आए हैं, लेकिन सरकार ने ऐसी घटनाएं रोकने के
लिये कोई कदम नहीं उठाया है। यह कहते हुए वह भी अपने साथी कांग्रेस सदस्यों के साथ
सदन से बहिर्गमन कर गए।
बसपा नेता सुखदेव
राजभर ने कहा कि किसानों की समस्याओं का मुद्दा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, लिहाजा विधानसभा अध्यक्ष
हृदय नारायण दीक्षित इस पर एक घंटे की चर्चा को मंजूरी दे दें। विधानसभा अध्यक्ष
द्वारा अनुमति ना दिए जाने पर बसपा के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए।
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