इस पूरे भ्रष्टाचार में कुल 4 आरोपी हैं जिनमें एक है एके जैन पिता डी एल जैन जिसकी उम्र 65 वर्ष है जो कि साउथ ईस्टर्न कोल माइंस लिमिटेड कंपनी में सीनियर सेल्स ऑफिसर के पद पर पदस्थ रहे हैं दूसरे हैं ए एम अंसारी वर्ल्ड गुलाम मोहम्मद अंसारी जिसकी उम्र 70 वर्ष है जो को जी ट्रैवल्स धनपुरी शहडोल का निवासी है तीसरा है अबरार खान पिता काले खान जिसकी उम्र 45 वर्ष है जिसका व्यवसाय जो है ठेकेदारी है जो कि जी एम् कॉलोनी धनपुरी शहडोल के निवासी हैं चौथे आरोपी हैं मूलचंद पिता हरबंस लाल जिसकी उम्र 63 वर्ष है जो सत्कार लाज बुढ़ार शहडोल के मालिक हैं
इन चारों के द्वारा मिलीभगत करते हुए साउथ ईस्टर्न कोल माइंस कंपनी लिमिटेड को ढाई करोड़ रुपए के कोयला घोटाले को मिलीभगत करते हुए अंजाम दिया गया और क्षति कारित की गई इस पूरे प्रकरण में यह तथ्य सामने आए हैं कि ए के जैन जो सीनियर सेल्स अफसर रहे हैं जिसमें सह अभियुक्त अतीक मोहम्मद अंसारी इसी कंपनी में सुहागपुर कार्यालय में लिपिक के पद पर पदस्थ थे मामला यह था कि विनोद मिल्स उज्जैन के नाम पर 838 मेट्रिक टन कोयला जिसकी कीमत कुल 25300000 रुपए थी जिसकी पूरी रकम जमा किए बगैर यह जानते हुए विनोद मिल्स उज्जैन के अधिकृत प्रतिनिधि की अनुपस्थिति में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी रूप में एक करोड़ 15300000 रुपए जमा कर 838 मीट्रिक टन कोयला सह अभियुक्त इमरान खान के साथ प्राप्त करने का षड्यंत्र किया
उस पूरे षड्यंत्र में अभियुक्त रफीक मोहम्मद अंसारी ने बिना संपूर्ण रकम जमा किए हुए डिलीवरी आर्डर में मुख्य रूप से संपूर्ण रकम जमा होने का उल्लेख करते हुए कोयला उठाने के लिए ऑर्डर फॉर्म जारी किया, यह जानते हुए कि विनोद मिल्स उज्जैन के वैद्य प्रतिनिधि उपस्थित नहीं है
बतौर शासकीय कर्मचारी इन सभी के द्वारा मिलीभगत करते हुए कंपनी को ढाई करोड़ रुपए की क्षति कारित की गई जिसकी FIR दर्ज करते हुए सीबीआई ने 9 लोगों को अभियुक्त बनाया गया जिनमें से 4 लोगों को मुख्य अभियुक्त के तौर पर सीबीआई विशेष न्यायाधीश जबलपुर के द्वारा 4 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया गया इस पूरे प्रकरण में सीबीआई के द्वारा धारा 120 बी 420 468 471 तथा भ्रष्टाचार प्रतिषेध अधिनियम 13 1 डी धारा 13- 2 के तहत प्रकरण दर्ज किया था
इन सभी आरोपियों में से एक आरोपी मूलचंद की मृत्यु वर्ष 2015 में हो चुकी है शेष 3 लोगों को 4 वर्ष के सश्रम कारावास को भुगतान जाने हेतु सीबीआई विशेष न्यायाधीश जबलपुर के द्वारा आदेश पारित किए गए इसी प्रकार का एक प्रकरण है जबलपुर के वाणिज्य कर विभाग का जिसमें वर्ष 2007 में और वाणिज्यिक अधिकारी नारायण मिश्र ने कूटरचित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अज्ञात कुख्यात अपराधिक प्रवृत्ति के ट्रांसपोर्टरों एवं व्यवसाइयों को बेच दिए थे, जिसमे मध्य प्रदेश शासन को करोडो की कश्ती करीत हुयी थी, जिसकी शिकायत दर्ज की गई है जिस पर लोकायुक्त की तरफ से कार्यवाही ढीली है साथ ही वरिष्ठ विभाग की ओर से अधिकारियों से लगातार जानकारी प्राप्त किए जाने पर भी कार्यवाही लंबित है आने वाले समय में इस प्रकरण में भी समतुल्य सभी धाराओं के तहत कार्यवाही होगी
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