अध्यक्ष और सचिव की अलग अलग राय
किस बात पे कैसे ख़त्म हुयी है हड़ताल
इसकी जानकारी नही दी गयी है :- मनीषा मिश्र (सचिव )
अधिवक्ताओ के संगठन का सहयोग ले कर
समिति अपने व्यक्तिगत लाभ प्राप्त कर रही है, कानूनन व्यवस्था को बिगड़ने का काम
स्वयं इन्ही के द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने पत्रकार वार्ता में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की बात की और
न्यायाधीशों को पदस्त करने की बात की, इन्होने खुद अपने ही अधिवक्ता सदस्यों के सहयोग का दुरूपयोग किया
है, ये प्रयास भोत पहले से जरी है और रिजल्ट शून्य है,
एडवोकेट प्रोटेक्शन
एक्ट का फॉर्मेट कब किसी कहा सौंपा गया अधिवक्ताओ को कोई जानकारी नही की स्टेट बार
ने, फिर उसपे क्रीयांवन कैसे होगा, कब होगा कोऊं जिम्मेदार है ऐसी कोई
जानकारी अधिवक्ताओं को परिषद् के द्वारा नही डी गयी है, पारदर्शी निष्पक्ष
कार्यवाही की भी जा रही है की नही, फिह्लाल जानकारी के अभाव में कहना
मुश्किल है.
रजिस्ट्रार जनरल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पत्र लिखकर दिया था अधिवक्ताओं को बातचीत करने का न्योता
तब स्टेट बार कौंसिल नए सिरे से बात करने का न्योता अस्वीकार कर दिया और कहा था कि हमारी हड़ताल 14 तारीख तक जारी रहेंगी
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