कोलेजियम ने फरवरी,
2018 को उत्तराखंड
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा की
सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने
कोलेजियम की सिफारिश पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। इसका जिक्र करते हुए
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखा है
कि ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का वजूद खतरे में है। इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
जस्टिस कुरियन ने
कहा, ‘शीर्ष
अदालत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी को तीन महीने बाद भी सिफारिश
पर सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है।’
उन्होंने मुख्य
न्यायाधीश से इस मामले पर सात वरिष्ठ जजों की पीठ बनाकर स्वत: संज्ञान लेते हुई
सुनवाई की मांग की। अगर जस्टिस कुरियन की मांग मानी जाती है तो सात जजों की पीठ
सरकार को कोलेजियम की सिफारिश पर फैसला लेने का आदेश दे सकती है। पीठ निश्चित
समयसीमा में जजों की नियुक्ति करने को कह सकती है। ऐसा नहीं होने पर अदालत की
अवमानना का मामला भी चला सकती है।
जस्टिस कुरियन नवंबर,
2018 में
सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वह दोनों जजों की नियुक्ति की सिफारिश करने वाले कोलेजियम
के सदस्य भी हैं। मुख्य न्यायाधीश सहित सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को भेजी इस
चिट्ठी में जस्टिस कुरियन ने लिखा है, ‘कोलेजियम की ओर से सिफारिश भेजने के बाद जल्द से
जल्द कार्रवाई करना सरकार की जिम्मेदारी है। प्रशासनिक कानून के तहत सिफारिश पर
कार्रवाई नहीं करना सत्ता का दुरुपयोग माना जाता है।’
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