दुनियाभर में सार्वजनिक और निजी कर्ज जिस तरह से
बढ़ते हुए रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है, उससे वैश्विक मंदी का खतरा
मंडराने लगा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के मुताबिक वैश्विक कर्ज बढ़कर 164
ट्रिलियन डॉलर यानी 164
लाख करोड़ डॉलर के रेकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। अगर इस कर्ज को भारतीय
मुद्रा में बदले तो यह करीब 10,66,000000 करोड़ रुपये (करीब 10,660 लाख करोड़ रुपये) है। IMF ने
चेतावनी दी है कि अगर बढ़ते वैश्विक कर्ज का यह ट्रेंड इतना खतरनाक है कि वित्तीय
स्थिति बिगड़ने पर तमाम देशों के लिए अपने कर्ज को चुकाना मुश्किल हो जाएगा और
दुनिया भीषण वैश्विक मंदी के चपेट में आ सकती है। ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के
मुताबिक बढ़ता हुआ कर्ज वैश्विक मंदी का सबब बन सकता है।
IMF के
मुताबिक वैश्विक कर्ज बढ़कर 164
ट्रिलियन डॉलर (164 लाख करोड़ डॉलर) के रेकॉर्ड स्तर
पर पहुंच चुका है
कर्ज के बोझ से तमाम देशों की
अर्थव्यवस्था लड़खड़ा सकती है और दुनिया मंदी की चपेट में आ सकती है
2016
में कुल कर्ज दुनिया की जीडीपी का 225
प्रतिशत हो चुका है
जापान की स्थिति सबसे खराब है जहां
पिछले साल कुल कर्ज जीडीपी का 236
प्रतिशत था
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