12वीं
का रिजल्ट आ चुका है. इसके बाद स्टूडेंट्स की चिंताएं बढ़ गई हैं कि वे कहां पढ़ाई
करें. बड़ी संख्या में बच्चे इन दिनों विदेशों में पढ़ाई करना चाहता हैं, लेकिन
पैसों की वजह से अधिकांश छात्रों के सपने पूरे नहीं हो पाते. लेकिन अब आपको पैसों
की टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है. दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो
भारत सहित कई देशों से आने वाले छात्रों को लगभग फ्री में एजुकेशन देते हैं. वहीं
कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां
पर उच्च शिक्षा यानी कॉलेज और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की फीस नहीं के बराबर है. आज
हम आपको बता रहे हैं उन्ही कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के बारे में, जहां
पर आप बहुत ही कम फीस या लगभग मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं.
फ्रांस और स्पेन:
यहां पर कुछ सरकारी यूनिवर्सिटी को छोड़कर हर जगह हायर एजुकेशन फ्री है. इसी तरह
स्पेन भी यूरोपीय यूनियन के छात्रों को फ्री एजुकेशन देता है. बाकी छात्रों के
लिए भी फीस बहुत कम है.
जर्मनी: बेहतरीन और रियायती शिक्षा के
मामले में यह सबसे ऊपर है. यहां पर किसी भी सरकारी विश्वविद्यालय में कोई ट्यूशन
फीस नहीं ली जाती है, भले
ही पढ़ने वाला चाहे जर्मनी का हो या किसी और देश का. हालांकि आपको एडमिनिस्ट्रेशन
फीस देनी होती है, जो
करीब 11
हजार से 19
हजार रुपए के बीच सालाना होती है.
नार्वे: इस देश में ग्रेजुएट, पोस्ट
ग्रेजुएट और डॉक्टरेट प्रोग्राम पूरी तरह से फ्री है. आप नार्वे के नागरिक हों या
किसी और देश के नागरिक, इससे
कोई फर्क नहीं पड़ता. हालांकि आपको एक शर्त पूरी करनी होगी. शर्त यह है कि आपको
नार्वे की भाषा आनी चाहिए. अगर आप यहां पढ़ने की योजना बना रहे हैं तो इस भाषा को
सीख लें.
स्वीडन: स्वीडन में ग्रेजुएट और पोस्ट
ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए यूरोपीय इकोनॉमिक एरिया के छात्रों से किसी तरह की फीस
नहीं ली जाती है. भारत जैसे देश इसमें नहीं आते, हालांकि तब भी यहां पीएचडी सभी के
लिए पूरी तरह फ्री है. साथ ही यहां पर पीएचडी करने वालों को सरकार की तरफ से हर
महीने कुछ पैसे भी मिलते हैं.
फिनलैंड: फिनलैंड पहले तो किसी भी देश के
नागरिक से ट्यूशन फीस नहीं लेता था, मगर अब वह नियम में बदलाव कर रहा
है. अब यूरोपीय यूनियन और यूरोपियन इकोनॉमिक एरिया से बाहर के ऐसे छात्रों से
ट्यूशन फीस ली जाएगी, जो
अंग्रेजी भाषा से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करना चाहते हैं. यदि आप
यहां की स्थानीय भाषा सीख लेते हैं तो आप फ्री में पढ़ाई कर सकते हैं.
ऑस्ट्रिया:
यहां यूरोपीय यूनियन के छात्रों की शिक्षा फ्री है. बाकी लोगों से फीस ली जाती है, मगर
अच्छी बात यह है कि यहां की फीस बहुत कम है. भारतीय रुपए में देखें तो यह करीब 55
हजार रुपए सालाना ही पड़ती है.
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