जिला न्यायालय से भी बिल्डर
केम्तानी और उसके बेटे की जमानत अर्जी हुयी ख़ारिज,पूरा मामला निर्माण
ठेकेदार पर जड़ने का प्रयास असफल हुआ,
आज से
कुछ दिन पूर्व बरगी हिल्स में कौशल्या वात्सल्य के नाम से पांच सितारा होटल का
निर्माण कार्य जारी था, जिस पर
निर्माणाधीन छज्जा गिर गया था, जिसमें मौके पर 5 मजदूरों
की मौत हो गई थी, साथ ही
कई मजदूर घायल हुए थे, जिस पर
न्यायालय ने तत्काल प्रभाव से लेबर इंस्पेक्टर को मौके पर उचित कार्यवाही के
निर्देश भी जारी किए थे, पुलिस
प्रशासन के द्वारा आनन-फानन में बिल्डर कंपनी के विरुद्ध धारा 304 के
विरुद्ध प्रकरण कायम किया गया, जिस से बचने के लिए बिल्डर कंपनी जबलपुर से
फरार भी हो गया था जिसको नागपुर से गिरफ्तार किया गया साथ में उसका पुत्र भी पुलिस
के हत्थे चढ़ा
गरीब मजदूरों की मौत पर बिल्डर कंपनी ने निर्माण हेतु किए गए कॉन्ट्रैक्ट को जमानत का आधार बनाया था जिसमें कि बिल्डर केमतानी ने मजदूरों की सुरक्षा संबंधी किसी प्रकार का कोई करार नहीं किया था, ना ही उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे ना, ही किसी मजदूर का बीमा करवाया था, केवल निर्माण के कॉन्ट्रैक्ट को बिल्डर कंपनी के द्वारा न्यायालय में जमानत का आधार बनाया गया, जिसे न्यायालय ने समाधानकारक नहीं पाते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा की गई जांच एवं तर्कों के आधार पर तथा लोक अभियोजक के तर्कों से संतुष्ट होकर बिल्डर केमतानी को न्यायायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है बाहर रहकर बिल्डर कई गवाहों और साक्ष्यों को क्षति पहुंचाने का कार्य भी कर सकता है जिला न्यायालय न्यायाधीश एस के चौबे के द्वारा स्पष्ट तर्क उल्लेख किया गया है जिस के मद्देनजर आज उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया,
गरीब मजदूरों की मौत पर बिल्डर कंपनी ने निर्माण हेतु किए गए कॉन्ट्रैक्ट को जमानत का आधार बनाया था जिसमें कि बिल्डर केमतानी ने मजदूरों की सुरक्षा संबंधी किसी प्रकार का कोई करार नहीं किया था, ना ही उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे ना, ही किसी मजदूर का बीमा करवाया था, केवल निर्माण के कॉन्ट्रैक्ट को बिल्डर कंपनी के द्वारा न्यायालय में जमानत का आधार बनाया गया, जिसे न्यायालय ने समाधानकारक नहीं पाते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा की गई जांच एवं तर्कों के आधार पर तथा लोक अभियोजक के तर्कों से संतुष्ट होकर बिल्डर केमतानी को न्यायायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है बाहर रहकर बिल्डर कई गवाहों और साक्ष्यों को क्षति पहुंचाने का कार्य भी कर सकता है जिला न्यायालय न्यायाधीश एस के चौबे के द्वारा स्पष्ट तर्क उल्लेख किया गया है जिस के मद्देनजर आज उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया,
Also Read:
मेरा बलात्कार या हत्या हो सकती है: दीपिका सिंह राजावत, असीफा की वकील
हनिप्रीत की सेंट्रल जेल में रईसी, हर रोज बदलती है डिजायनर कपड़े
माँ ही मजूबर करती थी पोर्न देखने, अजीबोगरीब आपबीती सुनाई नाबालिग लड़की ने
सिंधियों को बताया पाकिस्तानी, छग सरकार मौन, कभी
मोदी ने भी थी तारीफ सिंधियो की
Please
Subscribe Us At:
WhatsApp: +91
9589333311
Tags
Madhya Pradesh