पूर्व मंत्री विनोद सिंह की वापसी से निष्ठावान कार्यकर्ताओं की बढ़ी धड़कने
रिपोर्ट अमन वर्मा स्टेट हेड न्यूज़ विज़न सुलतानपुर
सुलतानपुर। राजनीतिक गलियारों में अच्छी रसूख रखने वाले सूबे के पूर्व
मंत्री के यू-टर्न से बसपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं और चुनाव लड़ने के इच्छुक
नेताओं की धड़कनें तेज हो गयी है। दावा किया जा रहा है कि समय रहते पूर्व मंत्री ने
बाजी मारी और बसपा सुप्रीमो के खासमखास से सेटिंग भी कर ली। हालांकि बसपा का एक
खेमा इनके यू-टर्न में नमक मिर्च लगाकर बसपा सुप्रीमों के
कान भर रहा है।
बताते चलें कि बसपा सरकार में स्वतन्त्र प्रभार के पर्यटन मंत्री रहे
विनोद सिंह बसपा सुप्रीमों के काफी करीबी माने जाते थे और जिले से लेकर प्रदेश के
नेताओं में उन्होंने अपनी मजबूत पकड़ भी बना ली थी। इसी के चलते उन्होंने अपने भाई
अशोक सिंह को विधानपरिषद का सदस्य भी बनवाने में सफल रहे थे। लगातार दो चुनाव में
पराजय के बाद उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए धीरे से बसपा का दामन छोड़
यह कहते हुए छोड़ दिया था कि वे राजनीति में समय नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि उनके
बसपा से किनारा कसने के पीछे कयास लगाये जा रहे थे कि दूसरी पार्टी में जाना चाहते
हैं। लेकिन फूलपुर गोरखुपर के चुनाव में भाजपा की करारी हार और आने वाले दिनों में
महागठबन्धन बनने की सम्भावनाओं को देखते हुए उन्होंने घर वापसी का निर्णय लेते हुए
बसपा सुप्रीमों के खास को विश्वास में लेकर हरी झण्डी ले ली।
हालांकि पूर्व मंत्री विनोद सिंह के घर वापसी का पार्टी जनों ने
स्वागत किया लेकिन ऐसी सेटिंग बनाई कि इनका टिकट भी पक्का होना तय माना जा रहा है
। इससे टिकट की चाह रखने वाले सफेदपोशों में खलबली मच गयी है। बताते चलें कि विनोद
सिंह कई सालों तक जिले में कांग्रेस पार्टी का झण्डा उठा रखे थे। संयोगवश इनके सिर
पर कांग्रेस पार्टी की बदौलत जीत का सेहरा नहीं बंध पाया था । इसके बाद विनोद सिंह
ने हाथी की सवारी की। किस्मत साथ दे गयी और विधायक बनने के बाद मंत्री पद भी मिला।
वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस बसपा और सपा का सूपड़ाा साफ
हो गया । सूत्रों के मुताबिक राजनैतिक वजूद बचाने के लिए इनके द्वारा प्रदेश और
केन्द्र में अपना परचम लहरा रही भाजपा से नजदीकियां बढ़ानी शुूरू कर दी थी। उपचुनाव
में फिर से भाजपा अपने उतार पर पहुंच चुकी है। ऐसे में इनकी घरवापसी को इसी से
जोड़कर देखा जा रहा है।
पार्टी के कुछ लोगों की आंख के किरकिरी हैं पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री विनोद सिंह मास्टरमाइन्ड माने जाते हैं । इनके दिमाग का
लोहा इनके विपक्षी भी मानते हैं। ऐसे में इनके विरोधियों की संख्या भी कम नहीं है
। जिले के कई बाहुबली इनके धुर विरोधी माने जाते हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान अब
इन्हें कई मुश्किलों से गुजरना पड़ेगा।
सरकार अब स्कूली बच्चों को
सफाई के प्रति जागरूक करना चाहती है।
नाबालिग बच्चों से सरकार स्वच्छता अभियान चलवायेगी
रिपोर्ट : अमन वर्मा
सुल्तानपुर. अब स्कूलों में बच्चे झाड़ू लेकर सफाई करते नजर
आएंगे, क्योंकि सरकार अब स्कूली बच्चों को सफाई के प्रति
जागरूक करना चाहती है। सरकारी मंशा कामयाब हुई तो बच्चे और गुरुजी दोनों हाथों में
झाड़ू लेकर सफाई अभियान से होने वाले फायदे को समझेंगे और गुरुजी भी सफाई अभियान
में बराबर के भागीदार होंगे।
सरकार की तैयारी है कि सफाई को स्कूलों में अनिवार्य कर दिया जाय।
सफाई के विषय में जानकारी देने और लेने के लिए दो घण्टे का समय निर्धारित किया
जायेगा। इससे गंदगी से होने वाले नुकसान और सफाई से होने वाले फायदों के बारे में
जानने और समझने का क्लास महीने के पहले शनिवार को लगेगा। वह भी जुलाई माह से इस
अभियान की शुरुआत होगी। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि बच्चे, बूढ़े और जवान आदर्श सफाई व्यवस्था से होने वाले फायदे के बारे में जान
सकें। इससे गुरुजी और शिष्य दोनों एक साथ सफाई करते नजर आएंगे। सरकार ने सभी
जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर यह कहा है कि वे जिला विद्यालय निरीक्षकों के साथ
बैठक करके विचार विमर्श कर रिपोर्ट शासन को सौंपें। अगर सरकार की मंशा परवान चढ़ी
तो प्रदेश के सभी राजकीय, अशासकीय और वित्तविहीन स्कूलों में
ये कक्षाएं संचालित होंगी साथ ही शिक्षक छात्रों को सफाई का गुर तो सिखायेंगे ही
साथ में वे झाड़ू लेकर सफाई भी करेंगे। संयुक्त शिक्षा निदेशक ओमप्रकाश द्विवेदी ने
बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत चलने वाली कक्षाओं में महीने के पहले शनिवार को
सुबह 7 बजे से 9 बजे तक यह अभियान चलाया
जाएगा।
गठित होगी मानिटरिंग कमेटी
स्कूलों में सफाई अभियान के बारे में चलने वाले क्लासों में आदर्श
व्यवस्था, स्वच्छ वातावरण हो, इसके लिए एक
कमेटी बनाई जाएगी। संयुक्त शिक्षा निदेशक ओमप्रकाश द्विवेदी ने बताया कि शासन ने
पत्र भेजा है, जिसमें सफाई अभियान के प्रति बच्चों को
प्रेरित करने के लिए महीने के पहले शनिवार को सुबह 2 घण्टे
कार्यक्रम आयोजित करने के सम्बंध में सुझाव मांगे गए हैं। जल्द ही जिला विद्यालय
निरीक्षक के साथ बैठक कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक
गिरीश कुमार सिंह ने सरकार के इस पहल का स्वागत किया है । उन्होंने कहा कि शिक्षक
समाज का अगुआ होता है । जब वह हाथ में झाड़ू पकड़ेगा तब लोग प्रेरित होंगे
योग दिवस के लिए अधिकारियों को कार्य आवंटन
रिपोर्ट अमन वर्मा ब्यूरो चीफ न्यूज़ विज़न सुलतानपुर
सुलतानपुर । जिलाधिकारी विवेक ने बताया कि आगामी 21 जून को स्थानीय पंत स्टेडियम में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया
गया है। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि गतवर्ष जिस
अधिकारी को जो जिम्मेदारी सौपी गयी थी, इस वर्ष भी उन्हें
वही जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
उन्होंने सभी अधिकारियों से योग दिवस के सम्बन्ध में सभी आवश्यक
तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सदर, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक को
निर्देशित किया कि वे स्टेडियम में सभी आवश्यक तैयारियां सभी सम्बन्धित अधिकारियों
से समन्वय बनाकर कार्य सम्पादित करायें। उन्होंने बताया कि लीडबैंक अधिकारी को मंच,
साउन्ड सिस्टम तथा होर्डिंग, बैनर आदि की
जिम्मेदारी सौपी गयी है। इसी प्रकार नगर पालिका व डीपीआरओ को समुचित सफाई व शुद्ध
पेयजल की व्यवस्था के निर्देश दिए गये हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी को चिकित्सा कैम्प
के साथ जीवन रक्षक दवाओं की उपब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
2 प्रतिशत की बजाय 4 प्रतिशत दो, तहसील व कलेक्ट्री का भी बैनामा कर देगें, बाबू पुष्पराज व सब-रजिस्ट्रार अजय धर्मराज
नजूल तो नजूल, ट्रस्ट, मंदिर
व मस्जिद की जमीन का भी भूमाफियाओ से मोटी रकम लेकर रजिस्ट्री विभाग कर रहा
बैनामा।
यदि शासन से लेकर प्रशासन तक सभी अधिकारी पाकसाफ है, तो क्या कर सकते है जिलें के निष्पक्ष मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में रजिस्ट्री विभाग की जॉच?
सुलतानपुर। जनपद के अन्तर्गत समस्त रजिस्ट्री विभाग के कर्मचारियों
व अधिकारियों को इस कदर हराम की दौलत मुंह लग गयी है कि उन्हें न तो शासन के किसी
नियमों की परवाह है और न ही प्रशासन का डर।
अरे भाई हो भी क्यो? सूत्रों के हवालें से प्राप्त सूचना के अनुसार अगर हम प्रदेश सरकार की बात करें तो जितना प्रदेश सरकार प्रतिमाह इनको वेतन देता है, उससे 20 गुना ज्यादा जिलें के भूमाफियाओं की तरफ से रजिस्ट्री विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को चढ़ावा आ जाता है, यही नही वेतन का 10 गुना तो विभाग के लोगों द्वारा खुलेआम क्रेताओं से 2 प्रतिशत की वसूली में पूरा कर लेता है।
रही बात जिलें के प्रशासन की, तो उनसे भी इन्हें कोई डर नही होता, क्यों कि इसके पीछें का कारण यह है कि रजिस्ट्री विभाग के सब-रजिस्ट्रार अजय धर्मराज द्वारा प्रतिमाह बाईमानदारी वसूली का 60 प्रतिशत एआईजी पंकज कुमार, अपर जिलाधिकारी अमरनाथ राय व जिलाधिकारी तक का हिस्सा एआईजी पंकज कुमार तक पहुंचा दिया जाता है। ये हाल सिर्फ सदर का ही नही बल्कि कादीपुर, लम्भुआ, जयसिंहपुर का भी है। अब ऐसे में आप स्वयं सोच सकते है कि जब सभी चोर-चोर मौसेरें भाई की ही भूमिका अदा कर रहे हो, तो कार्यवाही करेगा कौन?
शेष अगलें अंक में, जुड़े रहिये हमलावर न्यूज की
खबरों से बहुत जल्द होगा, 2 प्रतिशत की वसूली व रजिस्ट्री
विभाग से अधिकारियों को जाने वालें प्रसेंटेज का विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों
का जुबानी विडियो
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