उत्तर प्रदेश की शामली पुलिस ने सोशल मीडिया पर कैराना की
नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन के फर्जी उद्धरण संबंधी पोस्ट के मामले में जांच के
आदेश दिए हैं.
शामली के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने शनिवार को बताया कि
हसन ने शिकायत दर्ज कराकर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने वालों और सौहार्द
बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
उन्होंने बताया कि साइबर प्रकोष्ठ मामले की जांच करेगा और फर्जी
संदेश पोस्ट करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
हसन ने मंगलवार को कैराना संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी.
उन्होंने भाजपा की मृगांका सिंह को 44,618 मतों के अंतर से हराया था. इस तरह वह
16वीं लोकसभा के लिए उत्तर प्रदेश से पहला मुस्लिम चेहरा बन गईं.
गौरतलब है कि तबस्सुम की जीत के बाद वॉट्सऐप ग्रुप और सोशल
मीडिया पर उनकी एक कथित सांप्रदायिक टिप्पणी को शेयर किया जा रहा था जिसमें वे
दूसरे धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान दे रही थीं. उन्हें कहते हुए दिखाया गया था, ‘ये अल्लाह की जीत है और राम की हार.’
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकदल के टिकट पर चुनाव जीतीं तबस्सुम ने इस सबको प्रोपेगेंडा
ठहराते हुए कहा कि वे कभी ऐसा बयान दे ही नहीं सकतीं.
अपने विधायक बेटे नाहिद हसन के जरिए उन्होंने पुलिस से संपर्क
साधा और उनके खिलाफ किए जा रहे उक्त ‘फेक पोस्ट’ की जांच की मांग
की. अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि ऐसे पोस्ट वॉट्सऐप और अन्य दूसरे माध्यमों
से सामाजिक सौहार्द्रता और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाए जा रहे थे. यह
एक सुनियोजित योजना के तहत किया जा रहा है.
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