अबू सलेम एक मामूली ड्राईवर से अंडरवर्ल्ड डॉन तक का सफ़र

From Driver To Gangster Abu Salem History
दिल्ली के एक व्यापारी से फिरौती मांगने के जुर्म में गैंगस्टर अबू सलेम को 7 साल की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 साल पुराने इस मामले में सलेम को सजा सुनाई। यह पहला मामला नहीं है, जिसमें अबू सलेम को सजा हुई हो। अबू सलेम पर कई मामले दर्ज हैं। चलिए जानें अबू सलेम की एक ड्राइवर से गैंगस्टर बनने तक की पूरी कहानी।

यूपी के आजमगढ़ जिले के सरायमीर गांव में एक निम्न मध्य वर्गीय परिवार में पैदा हुआ था। अबू सलेम का जन्म 1968 में हुआ था। अबू सलेम के पिता पेशे से वकील थे। बचपन में ही पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्यु के बाद जीवकोपार्जन की जिम्मेदारी अबू के कंधे पर आ गई और वह मेकैनिक का काम करने लगा। हालांकि इस बीच इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद अबु सलेम ने घर छोड़ दिया था और उसके बाद कभी लौट कर नहीं आया।

आजमगढ़ से दिल्ली व मुंबई का सफर
अबू सलेम ने पहले दिल्ली की ओर रुख किया और यहां वह टैक्सी चलाने लगा। अपने रिश्तेदार के कहने पर उसने मुंबई का रुख किया। हालांकि देश की आर्थिक राजधानी में आने के बाद भी अबू ने एक बार फिर टैक्सी ड्राइवर का काम किया। 1986 में अबू सलेम ने मुंबई के बांद्रा और अंधेरी के बीच ब्रेड डिलीवरी का काम किया। इसके बाद अंधेरी में ही एक कपड़े की दुकान में अबू ने काम किया। 1987 में अबू सलेम ने एक रियल एस्टेट ब्रोकर के तौर पर भी काम किया। यह काम अबू सलेम ने अंधेरी से ही करना शुरू किया था। इस दौरान मुंबई में ही माफिया लोगों से उसकी मुलाकात हुई और क्राइम की दुनिया की तरफ बढ़ चला। एक समय वह दाऊद इब्राहिम का निकट सहयोगी था और उसे दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता था।

जुर्म की दुनिया में पहला कदम
1988 के दौरान अबू सलेम पर अपने ही साथी से जबरदस्ती पैसे वसूल करने का आरोप लगा। यहीं से अबू सलेम ने क्राइम की दुनिया में प्रवेश किया। जबरन वसूली के इस मामले में अबू सलेम पर पहला केस दर्ज किया गया।

दाउद से मुलाकात
1989 सलेम की मुलाकात दाउद से हुई और उसने दाउद के कुछ जमीन से जुड़े काम देखना शुरू किया। यहीं से सलेम दाउद इब्राहिम के छोटे भाई अनीस के संपर्क में आया। सलेम हथियारों की डिलीवरी का काम करता था। इसके बाद 1990 में दाउद इब्राहिम ने अबू सलेम को डी कंपनी की देख-रेख का काम सौंप दिया। इसके बाद दाउद के इशारों पर अबू सलेम ने फिल्मी सितारों और बड़े कारोबारियों से जबरन वसूली करने का काम शुरू कर दिया। हालांकि 1998 में अबू सलेम ने दाउद का साथ छोड़कर अपना रास्ता अलग कर लिया। अबू सलेम ने दुबई में एक बिजनस भी शुरू किया, जिसे किंग्स ऑफ कार ट्रेडिंग का नाम दिया। कई सारे स्टेज शो ऑर्गेनाइज किए जिसमें वो फिल्मी सितारों को बुलाता था। यहीं पर एक शो के दौरान अबू सलेम की मुलाकात मोनिका बेदी से भी हुई।

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