एक ओ पी वर्मा ने उधम मचा रखी थी, एक ओ पी पांडे ने उघम शुरू की,
यह
सभी अश्लील वीडियो ग्रुप में पोस्ट करने के बाद कई महिला अधिकारियों के द्वारा
वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल प्रभाव से संपर्क किया और आपत्ति दर्ज की गई, जिस पर आयुक्त महोदय
ने इस हप्सी उपायुक्त ओ पी पाण्डेय, अधिकारी
को ग्रुप से तो रिमूव कर दिया परंतु किसी कार्यवाही के संबंध में किसी को कोई
आश्वासन नहीं दिया, एक
ओ पी के नाम ने पहले भी विभाग की छवि धूमिल की है, लगतार उसके बाद एक भस्मासुर उपायुक्त
नारायण मिश्र विभाग के रेवेन्यू को खोखला करने प्रयासरत है, और इश्वर की दया से इस विभाग का मंत्री ऐसा है की किसी विषय की जानकारी ही नही रखता, फर्जी आंकड़ो पे बजट घोषित कर देता है, चुनाव
के समय यह एक बड़ा मुद्दा सामने आयेगा जो कई अधिकारियो को निपटायेगा,
तकाल
प्रभाव के कार्यवाही का पात्र, ये प्रकरण
चर्चा की सूची से भी बाहर कर दिया गया है, मेहरबान
आयुक्त बिरादरी के चलते कोई कार्यवाही करने सक्षम नही
है, यह पहला मौका नहीं है, पहले भी कई
ऐसी घटनाये हुयी है जिनमे आयुक्तो का रवैया अधीनस्थ अधिकारियो के प्रति मेहरबान
रहता है, क्योकि आयुक्तों को जी सर जी साहब सुनने की आदत पद चुकी होती है, जी सर बोलने वालो की गिनती में कमी आ जाएगी, अगर
कार्यवाही का सिल सिला शुरू हुआ तो, प्रोटोकॉल की चापलूसी की
कीमत आयुक्त को चुकानी पड़ती है. और भ्रष्टाचार
में लिप्त अधिकारियो को समर्थन दे कर ट्रैक रिकॉर्ड भी उत्कृष्ट लिखना पड़ता है,
वैसे
तो इस विभाग में है एक भ्रष्ट Self Producer, Self Director, Self Actor उपायुक्त नारायण मिश्रा कैमरामैन गणेश प्रसाद तिवारी ( रिटायर्ड ) के साथ पिछले 5 सालों से कई रंगीन रिकॉर्ड दरवाजा बंद कर के वाणिज्यिक कर के
इतिहास में दर्ज कराये है, घुसने की अनुमति किसी को नही रहती है शाम को 6 के बाद, जिसका कार्यालय आज भी रात को 2:00 बजे
तक खुला रहता है, और सारी रंगरेलियां इस कार्यालय में मनाई
जाती हैं, जमकर शराबखोरी भी होती है, जिस
पर आज तक किसी आयुक्त ने कोई कार्यवाही नहीं की है, पूरी
जानकारी होने के बावजूद हर बार की तरह इस बार भी आयुक्त मौन रहता है, विभाग में मोनिटरिंग हेतु आने वाला आई ए एस विभाग की कार्यप्रणाली को जब
तक समझे तब तक चापलूसी का इंजेक्शन इतना असर कर चूका होता है जो भ्रष्टाचार के हर
जखम को भर देता है, बेशर्मो की टीम एक जुट हो कर लोक की ऐसी
सेवा करती है, की लोक/जनता ले दे के निजात पाने दलाल निहारती
रह जाती है,
ओ
पी पाण्डेय वाणिज्यिक कर कार्यालय जबलपुर के एंटी एवेजंन शाखा का उपायुक्त है,
कड़ी
मिलाकर देखी जाए तो नीचे से ऊपर तक मुख्यधारा में काम करने वाले अधिकारियों के बीच
आपसी सामंजस्य इतना ज्यादा मजबूती से इजाद हो चुका है, कि जिसके मन में जैसा आता है वैसा कार्य करता है, भ्रष्टाचार
के कई आरोपों में लिप्त अधिकारी के विरुद्ध भी कई
मामले विचाराधीन है, जिस पर नियुक्त जाँच अधिकारी
का तबादला हो जाता है,उसके बाद वर्तमान पदस्थ अधिकारी के
द्वारा भी कोई कार्यवाही आरंभ नहीं की जाती है, जांच लंबित है धूल खाती है सड़ जाती हैं और गायब हो जाती हैं फाइल , जब तक भ्रष्ट
अधिकारी रिटायर हो जाता है, एक दूसरे के समर्थक हैं
भ्रष्ट अधिकारी केवल जनता पर लादे गए हैं रिश्वत वसूलने के लिए और टैक्स वसूलने के
लिए
पुश्तैनी
संपत्ति के मिजाज में प्राप्त अधिकार के पदीय दुरुपयोग की सारी पराकाष्ठा पार कर
चुके जबलपुर के उपायुक्तों के विरुद्ध आयुक्त बड़े नरम हैं, फेल मोनिटरिंग
सिस्टम की एक मस्त शिकायत संघ लोक सेवा योग को भी भेजी जाएगी, जो शुद्धिकरण में
काम आयेगी,
फिलहाल
आयुक्त से संपर्क करने का कई मर्तबा प्रयास किया गया है, इस विषय में संज्ञान
हेतु, पर्सनल असिस्टंट पी एन दुबे बताते
है साहब बड़े कामो में बिजी है,