इस
बार के लोक अदालत के आयोजन पर सबसे खास विषय यह है, कि पिछली लोक अदालत के आयोजन
के मुकाबले इस बार 83% मामले अधिक निपटें, इस
आयोजन में टोटल 40 करोड़ 50 लाख की अवार्ड राशि पारित
की गई, जिसमें 1493 सिविल और दंडक प्रकरण
रहे, और
504 मामले रहे, कुल
1997 प्रकरणों का आज एक
साथ निराकरण हुआ और यह निराकरण एक साथ तभी संभव हुआ जब जिला एवं सत्र न्यायाधीश
माननीय श्री राजेंद्र कुमार वर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री
आशुतोष मिश्रा जी के अथक प्रयासों से समझौते के योग्य प्रकरणों को चिन्हित किया
गया,
इस पूरे कार्यक्रम में लगभग 10 हजार से अधिक केस लिस्टेड किए गए थे, जिसमें से इन सभी की छटनी की गई और विभिन्न
न्यायालयों में विभिन्न मामलों में लड़ रहे, वादी प्रतिवादी के मध्य आपसी सुलह,
उचित निष्कर्ष को आधार बनाकर न्यायाधीश गणों के द्वारा अपने विवेक बुद्धि कौशल से,
इन सभी प्रकरणों का एक साथ निराकरण करना आज के लोक अदालत के आयोजन पर सुनिश्चित
किया गया और नतीजतन 4205 लोग लाभान्वित हुए,
इस
पूरे आयोजन में आकर्षण का केंद्र रहा एक प्रकरण, जिसमें प्राधिकरण के सचिव श्री आशुतोष मिश्रा के द्वारा बताया गया
कि एक्सीडेंट में भागीरथ नामदेव की मृत्यु हो गई थी, और यह केस यूनाइटेड इंडिया
इंश्योरेंस कंपनी विरुद्ध न्यायालय में लंबित था, इस प्रकरण को आज निपटाया गया है,
सबसे खास बात यह थी, मृतक पर निर्भर वारसानो के हितों को दृष्टिगत रखते हुए,
आरोप-प्रत्यारोप के दौरों को नष्ट करते हुए, माननीय न्यायालय के द्वारा 33.50 लाख का चेक मृतक भागीरथ नामदेव के वारसानो को प्रदत्त किया गया, यह चेक मिलते ही
भागीरथ के वारसान खुशी से चमक उठे, अपने आप में अपने घर के सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु के बाद हंसता खेलता परिवार जो उजड़ गया
था, आज उनके घर में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया,
हर बार की तरह इस बार भी लोक अदालत ने एक मिसाल कायम की है,
अधिक से अधिक प्रकरणों का निपटारा एक द्रितीय लक्ष्य है, प्रथम लक्ष्य यह है की ,
न्याय की आस में खड़े लोगों को समय पर न्याय दिलाना, जिसकी पहल न्यायाधीशों के
द्वारा की गई, इस पूरे आयोजन का श्रेय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेंद्र
कुमार जी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री आशुतोष मिश्रा जी जाता है,
जिन्होंने खुद केम्प लगा कर, आम जनता को विधिक सेवा से प्राप्त होने वाली सुविधाओ
के बारे में बाताया , जागरूख किया, और आज इस मुहीम के चलते प्रकरण पंजीकृत भी होना
कम हो रहे है,
REPORTS :-