शहर में सांडों के बाद अब श्वानों का आतंक,पढ़िए पूरी खबर
#After the bulls in the city, now the terror of the dogs, read the full news
भोपाल । शहर में आवारा सांडों के बाद अब श्वानों का आतंक बढ़ गया है। आवारा सांडों द्वारा हिंसक होकर लोगों पर हमला करने की घटनाओं के बीच ही बरसात के मौसम में डाग बाइट के मामले भी सामने आ रहे हैं। इन श्वानों के एंटी बर्थ कंट्रोल (एबीसी) के तहत नसबंदी करने के लिए नगर निगम हर साल लाखों रुपए खर्च करता है, लेकिन यह काम सिर्फ खानापूर्ति की तरह से किया जा रहा है। इसके चलते कई इलाकों में आवारा श्वानों की संख्या बहुत बढ़ गई है।खासकर बारिश के दिनों में आवारा श्वानों की तादाद बढऩे से शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीते कुछ वर्षों में नगर निगम ने नसबंदी के लिए अलग-अलग एजेंसियों को ठेका दिया, लेकिन फिर भी श्वानों की संख्या कम नहीं हुई। शहर के गली-मोहल्लों और मुख्य मार्गों पर भी रात के समय श्वान वाहन चालकों पर हिंसक होकर हमला कर रहे हैं और उन्हें काट रहे हैं। अभी भी शहर में अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर आवारा श्वान घूमते नजर आते हैं। उधर दिनभर में औसतन 20 श्वानों की ही नसबंदी हो पाती है। यही रफ्तार रही तो आने वाले 10 सालों में भी शहर में आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रित नहीं होगी। दो वर्ष पहले तक हैदराबाद में डाग बाइट बड़ी समस्या थी। ऐसे में प्रशासन ने एबीसी की संख्या बढ़ाई और संचालन का जिम्मा एक के बजाय चार संस्थाओं को दिया। नतीजा यह हुआ कि यहां हर रोज श्वानों की संख्या 20 से बढ़कर 200 हो गई और आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रण में आ गई। वर्तमान में शहर में प्रतिदिन 50 से अधिक डाग बाइट के केस सामने आ रहे हैं। इस मामले में नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल का कहना है कि आगामी सितंबर माह में दो एबीसी सेंटर और शुरू किए जाएंगे।
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