शासकीय नौकरी लगवाने के नाम पर शासकीय शिक्षिका हरजीत कौर बेदी उसके पति मनजीत सिंह बेदी एवं बेटी सुप्रीत कौर के द्वारा की गई धोखाधड़ी
एक पीड़ित का
दर्द, जिसकी कोई नहीं सुन रहा. पुलिस भी नहीं
मेरा नाम शिल्पेश शिवहरे है मेरी उम्र 30 वर्ष है और मैं स्वर्णभूमि छग्गर फार्म राजुल टाउनशिप तिलहरी में निवास करता हूँ। मेरा परिचय सुप्रीत कौर, हरजीत कौर बेदी एवं मनजीत सिंह बेदी के परिवार से कई वर्ष पुराना है। कोरोना काल के बाद से मेरी आर्थिक स्थिति बद से बत्तर हो गई थी। मैं कोई अच्छी नौकरी या विकल्प को तलाश रहा था और इसी बीच मनजीत सिंह बेदी एवं उनकी धर्मपत्नी हरजीत कौर बेदी ने मुझे यह बताया कि वह मेरी कोई अच्छी नौकरी लगवाने में सहायता कर सकते हैं और उनका बेटा विदेश में रहता है, तो वह मुझे विदेश भी भेज सकते हैं। जब मुझे नौकरी की और पैसो की बहुत आवश्यकता थी तो मैंने इनसे संपर्क किया और हरजीत कौर वेदी ने मुझे यह कहा कि वह मेरी किसी अच्छे स्कूल में अतिथि शिक्षक की नौकरी लगवा देगी।
उन्होंने मुझे यह भी आश्वासन दिया था कि संभवत मेरी नौकरी शासकीय स्कूल में होगी जो कुछ वर्षो पश्चात पक्की हो जाएगी, मुझे इनकी बात बहुत अच्छी लगी और मैंने इनसे पूछा कि इसके लिए मुझे क्या करना होगा तो उन्होंने बताया कि लगभग 5 से 7 लाख रुपए का खर्चा आएगा, वह खर्चा किस तरह से और कहां पर करना है मैं तुम्हें बता दूंगी। उनका कहना था कि यदि मैं उनको यह पैसा दे देता हूं तो वह लगभग 1 वर्ष में मेरी नौकरी लगवा देंगे और इसी के चलते मैंने लगभग 18 महीने पहले दिनांक 11 मार्च, 2023 शनिवार शाम 5 से 6 बजे के आस-पास इन्हें बिलहरी स्थित अपने मित्र विशाल गुप्ता की दुकान 'नर्मदा स्वीट्स' के पास बुलाकर ₹300000 हरजीत कौर बेदी, मनजीत सिंह बेदी और उनकी बेटी सुप्रीत कौर को दे दिए
कुछ दिन तक उन्होंने मुझे यह बोला कि तुम गणित और विज्ञान कक्षा पांचवी से लेकर आठवीं तक की किताबें खरीद कर पढ़ाई करो और जैसे ही तुम्हारे जॉइनिंग की तिथि निकट आएगी तो हम तुम्हें इंटरव्यू इत्यादि के बारे में बता देंगे। क्योंकि हरजीत कौर बेदी पहले से ही स्कूली शिक्षिका थी, तो मेरे को उनकी बात पर सरलता से विश्वास हो गया। बीच-बीच में मे उनसे मिलता रहता था और उनसे अपनी नौकरी के बारे में पूछता रहता था और वह हर बार मुझे कुछ समय रुकने का आश्वासन देकर समय अवधि बढ़ा देती थी।
लगभग 3 महीने बाद उन्होंने मुझे ₹200000 और देने की मांग की, कि अब जॉइनिंग कभी भी हो सकती है, तो आप ₹2 लाख की रकम जमा कर दें। यह पूरी बातचीत मैने उसके हाथीताल स्थित मकान में, सुप्रीत कौर हरजीत कौर बेदी एवं मनजीत सिंह बेदी की मौजूदगी में की थी। तब मैंने उनसे यह प्रश्न किया कि मैं आपको यह ₹200000 बड़ी मुश्किल मे कहीं में व्यवस्था करके दे पाऊंगा, लेकिन मेरी एक शंका इस बात की है कि क्या गारंटी है कि मेरी नौकरी जल्द से जल्द लग जाएगी और मेरा पैसा सुरक्षित रहेगा। यदि किसी कारणवश मेरी नौकरी नहीं लग पाई तब क्या होगा। तब उनकी बेटी सुप्रीत कौर ने मुझे यह कहा कि शिल्पेश जी आप हमसे अगले वर्ष का एक चेक ₹500000 का ले लीजिए यदि किसी कारण से हम आपकी नौकरी नहीं लगवा पाते, तो आप इस चेक को कैश करा लीजिएगा
क्योंकि मैं इन्हें पहले से ही जानता था और मुझे वह लोग अच्छे लोग समझ आते थे, तो मुझे इनकी बात उचित लगी और मैं एक सप्ताह का समय लेकर उनके घर पर दिनांक 18 जून सुबह 11:00 बजे के आस-पास ₹200000 ले जाकर जमा भी कर दिए। जब मैं यह पैसे देने गया तो मेरे साथ में मेरा मित्र पलाश तिवारी भी था और एक ₹500000 का चेक सुप्रीत कौर ने मुझे सील साइन करके दे दिया यह कहकर कि आपका ₹500000 सुरक्षित है यदि किसी कारण से आपको ऐसा लगता है कि आपका काम नहीं हो पाया, तो आप यह चेक को कैश करा लीजिएगा। लगभग 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी जब मेरी जॉब नहीं लग रही थी और सुप्रीत कौर से भी मेरा संपर्क नहीं हो पा रहा था तब मैंने उनके घर लगातार जाना शुरू किया ताकि मैं इन पर दबाव बनाकर या तो अपने पैसे ले लूँ या फिर ये मेरी नौकरी लगवा दे, लेकिन मुझे उनसे कोई भी उचित जवाब नहीं मिला। मुझे जो चेक प्राप्त हुआ था, वह वर्ष 2024 अगस्त माह की 24 तारीख का था। उसके लगभग 3 माह पहले से मैं उनके पास लगातार जा रहा था कि यदि मेरी नौकरी नहीं लगती है तो मैं यह चेक लगा दूंगा या आप मेरे पैसे मुझे वापस कर दीजिएगा, क्योंकि इस पूरे बात को 14 से 15 महीने लगभग हो गए हैं और आपने मुझे एक वर्ष के भीतर मेरा काम होगा, ऐसा बोला था। मेरे दबाव के चलते इन्होंने मुझे जून माह के आखिरी सप्ताह में अपने घर के पास बुलाया जहां मैं मेरे मामा जी के मित्र श्याम मामा जी के साथ गया जहां इन्होंने मुझे एक शासकीय जॉइनिंग लेटर प्रदान किया जो दो पन्नों का था मुझे बहुत खुशी हुई कि अब मेरी जॉइनिंग हो जाएगी
इन्होंने लेटर देने के समय मुझे यह भी कहा कि आप दिसम्बर माह के पहले सप्ताह में जाकर अपना वैरिफिकेशन वगैरह सब करके जॉइनिंग की प्रक्रिया कर लीजिएगा और दिसंबर या जनवरी माह तक आपको जॉइनिंग मिल जाएगी और लेटर देने के समय इन्होंने मुझे यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि इसकी चर्चा अभी बाहर किसी से नहीं करना, क्योंकि यह गोपनीय दस्तावेज है। एक दिन मैंने मेरे परिचित के एक शासकीय शिक्षक से यह पूछा कि अतिथि शिक्षक की नौकरी कितने सालों बाद पक्की हो जाती है और कुछ अन्य प्रश्न अपनी जिज्ञासावश पूछे, तो उन्होंने मुझे बताया कि अभी अतिथि शिक्षक की जॉइनिंग कुछ समय के बाद शुरू होगी उसके लिए एक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा देनी होती है और B.Ed. D.Ed जैसे इत्यादि डिग्री ग्रेजुएशन के अतिरिक्त लगती है। इस बात पर मेरा दिमाग थोड़ा सा ठनका क्योंकि न ही मेरे पास B.Ed. D.Ed और न ही मैंने किसी अतिथि शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन किया था और इसी के कारण मैंने उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जाँच करनी शुरू की और इसी के चलते स्थानीय शिक्षा विभाग जो की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समीप है
वहां पर भी गया तो मुझे यह पता लगा की मुझे जो उन्होंने दस्तावेज दिए हैं वह पूर्ण रूप मे फर्जी एवं झूठे हैं और यह दंपति सिर्फ कुछ समय व्यतीत कर रहे थे क्योंकि हरजीत कौर बेदी का अगले एक या दो माह में रिटायरमेंट है और इनका बेटा पहले से ही कनाडा भाग चुका है और बेटी भी लगभग 8-10 महीने से गायब है और यह धोखेबाज पति-पत्नी भी अपने बेटे के पास कनाडा भागने की फिराक में है, इसके चलते यह लोग सिर्फ मेरा समय बर्बाद कर रहे थे ताकि रिटायरमेंट के बाद यह विदेश भाग जाए और जो 24 अगस्त 2024 का चेक है वो भी 3 महीने बीत जाने पर वैध नहीं रहता और मेरे पैसे के लिए मैं इनको परेशान ना कर सकूं। तब इसके बाद मैंने सम्पूर्ण दस्तावेजों की जाँच करने पर पाया कि सभी दस्तावेज फर्जी है और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही मैंने उनका दिया हुआ बैंक ऑफ बड़ौदा का चेक क्रमांक 000086, दिनांक 06.09.2024 को मैंने अपने SBI बैंक, खाता क्रमांक 32707040320, शाखा-कटंगा में जमा कर दिया, जो कि मुझे सोमवर को बैंक द्वारा पता चला कि यह चेक क्रमांक 000086 अनादृत हो गया है।
Report: Dr. Siraj Khan +91 9589333311
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